दरौली विधानसभा सीट सीवान लोकसभा के तहत आता है, इस सीट पर चलता है सत्यदेव राम का सिक्का

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दरौली
दरौली विधानसभा सीट सीवान लोकसभा के तहत आता है….1951 में दरौली सीट अस्तित्व में आया था। 1951 में दरौली में हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट रामायण शुक्ला ने जीत हासिल की थी..1957 में दरौली सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट बसावन राम ने जीत हासिल की थी। वहीं 1962 में हुए चुनाव में दरौली सीट से कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट रामायण शुक्ला ने जनता का समर्थन हासिल किया था। 1967 में यहां भारतीय जनसंघ के कैंडिडेट के पी सिंह ने विरोधियों को शिकस्त दे दिया था। 1969 में यहां हुए विधानसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट लक्ष्मण रावत ने जनता का समर्थन हासिल किया था। 1972 में दरौली सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनसंघ के कैंडिडेट कृष्णा प्रताप सिंह ने विरोधियों को मात दे दिया था। वहीं 1977 में हुए चुनाव में दरौली सीट पर कृष्णा प्रताप सिंह ने कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल किया था। 1980 में दरौली सीट से कांग्रेसी कैंडिडेट चंद्रिका पांडे ने जनता का समर्थन हासिल किया था। 1985 में यहां हुए चुनाव में लोकदल की टिकट से शिव शंकर यादव ने जीत हासिल किया था।

1990 में भी शिव शंकर यादव ने दरौली में जनता दल की टिकट पर जीत का सिलसिला बरकरार रखी थी। 1995 में दरौली सीट से सीपीआई एमएल एल के टिकट पर अमरनाथ यादव ने जीत हासिल किया था। वहीं 2000 के विधानसभा चुनाव में दरौली सीट से शिव शंकर यादव ने आरजेडी की टिकट पर जनता का भरोसा जीत लिया था। 2005 के चुनाव में दरौली सीट से सीपीआई एमएल एल के कैंडिडेट अमरनाथ यादव ने जीत हासिल किया था। 2010 के चुनाव में दरौली सीट से बीजेपी के कैंडिडेट रामायण माझी ने जनता का समर्थन हासिल किया था। 2015 और 2020 के चुनाव में यहां से सीपीआई एमएल एल की टिकट पर सत्यदेव राम ने दरौली में जीत हासिल किया था। इस बार भी सत्यदेव राम चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाएंगे। 

एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में दरौली सीट पर सीपीआई एमएल (एल) के कैंडिडेट सत्यदेव राम ने जीत हासिल की थी। सत्यदेव राम को 81 हजार 67 वोट मिला था….तो बीजेपी कैंडिडेट रामायण माझी को 68 हजार नौ सौ 48 वोट मिला था। इस तरह से सत्यदेव राम ने रामायण माझी को 12 हजार एक सौ 19 वोट के अंतर से मात दे दिया था। वहीं 4 हजार आठ सौ 63 वोट के साथ नोटा तीसरे नंबर पर रहे थे।

 2015.. एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में दरौली सीट से सीपीआई एमएल एल के कैंडिडेट सत्यदेव राम ने जीत हासिल की थी।  सत्यदेव राम को 49 हजार पांच सौ 76 वोट मिला था तो बीजेपी कैंडिडेट रामायण माझी को 39 हजार नौ सौ 92 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से सत्यदेव राम ने रामायण माझी को 9 हजार पांच सौ 84  वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं आरजेडी के कैंडिडेट परमात्मा राम, 37 हजार तीन सौ 45 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
 
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में दरौली सीट से बीजेपी कैंडिडेट रामायण मांझी ने जीत हासिल की थी। रामायण माझी को 40 हजार नौ सौ 93 वोट मिला था…….तो सीपीआई एमएल एल के कैंडिडेट सत्यदेव राम ने 33 हजार नौ सौ 87 वोट हासिल किया था। इस तरह से रामायण माझी ने सत्यदेव राम को 7 हजार 6 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट शिव कुमार मांझी, 15 हजार छह सौ 97 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में दरौली सीट से सीपीआई एमएल एल कैंडिडेट अमरनाथ यादव ने जीत हासिल की थी। अमरनाथ यादव को 30 हजार तीन सौ 55 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट शिव शंकर यादव ने चुनाव में 26 हजार तीन सौ 47 वोट हासिल किया था। इस तरह से अमरनाथ यादव ने शिवशंकर यादव को 4 हजार 8 वोट से हरा दिया था। वहीं बीजेपी कैंडिडेट योगमाया, 17 हजार पांच सौ 59 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे। दरौली विधानसभा सीट के नतीजों को तय करने में रविदास वोटरों की सबसे बड़ी भूमिका है। हालांकि मुस्लिम और यादव भी यहां अच्छी खासी संख्या में हैं। दरौली सीट को लेफ्ट का गढ़ माना जाता है। इसलिए इस बार भी यहां से सत्यदेव राम को चुनौती देना एनडीए के लिए आसान नहीं होगा।

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