‘वे पॉलिटिकल टूरिज्म पर हैं’, राहुल गांधी के भोपाल दौरे पर MP के मंत्री बोले

admin
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भोपाल

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भोपाल में मध्य प्रदेश कांग्रेस के 'संगठन सृजन अभियान' की शुरुआत करने जा रहे हैं. इस अभियान का उद्देश्य 2028 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी को मजबूत करना और खोई हुई साख को वापस लाना है. हालांकि, इस दौरे को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह दौरा 'पॉलिटिकल टूरिज्म' का हिस्सा है और कांग्रेस का यह प्रयास संगठन के विस्तार के बजाय 'नेहरू परिवार के सृजन' के लिए है.

मंत्री विश्वास सारंग ने तंज कसते हुए कहा, "नेहरू परिवार कोई भी कार्यक्रम पार्टी के सृजन के लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार के सृजन के लिए करता है. राहुल गांधी साल में अलग-अलग तरह के टूरिज्म करते हैं, अब वे पॉलिटिकल टूरिज्म पर निकले हैं."

सारंग ने नेशनल हेराल्ड मामले में कथित गबन का जिक्र करते हुए कहा, "करोड़ों के गबन के बाद बचे पैसे से हवाई जहाज और होटलों का इंतजाम होता है."

मंत्री सारंग ने आगे आरोप लगाया कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि हर समय केवल नेता और उनके चमचों को ही जगह मिलती है. उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी के दौरे से कांग्रेस की स्थिति 'बद से बदतर' होगी और भोपाल में लगे होर्डिंग्स में 'हर हिस्ट्रीशीटर की फोटो राहुल गांधी के साथ' दिख रही है. सारंग ने इसे कांग्रेस का 'दिखावा और ढकोसला' करार देते हुए कहा कि कांग्रेस की दुकान और शोरूम पूरी तरह बंद हो चुके हैं.

दूसरी ओर, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने राहुल गांधी के दौरे को ऐतिहासिक बताया है. पार्टी नेताओं के अनुसार, राहुल गांधी का यह दौरा सुबह 11 बजे शुरू होगा और करीब पांच घंटे तक चलेगा, जिसमें वे पांच महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लेंगे. मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव और पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा, "यह अभियान संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए शुरू किया जा रहा है. हम 2003 से, दिसंबर 2018 से मार्च 2020 की 15 महीने की अवधि को छोड़कर, सत्ता से बाहर हैं."

मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया समन्वयक अभिनव बरोलिया ने बताया कि इस दौरे के दौरान कांग्रेस एक प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को जाति आधारित जनगणना की वकालत के लिए धन्यवाद देगी. यह प्रस्ताव विशेष रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उत्थान पर केंद्रित होगा, जो मध्य प्रदेश की आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक है.

 

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