सुप्रीम कोर्ट ने आज गोधरा ट्रेन अग्निकांड के दोषियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, दो जजों की पीठ द्वारा जताई थी आपत्ति

admin
4 Min Read

नई दिल्ली
गुजरात उच्च न्यायालय ने गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में अक्टूबर 2017 के फैसले में 31 दोषियों की सजा को बरकरार रखा था और 11 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने आज गोधरा ट्रेन अग्निकांड के दोषियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दो जजों की पीठ द्वारा उनकी अपील पर सुनवाई करने पर आपत्ति जताई गई थी। याचिका में कहा गया था कि दो जजों की पीठ उनकी अपील पर सुनवाई नहीं कर सकती क्योंकि यह मामला मौत की सजा से जुड़ा है। याचिकाकर्ताओं के वकील संजय हेगड़े ने जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ को बताया कि लाल किला आतंकी हमले में मोहम्मद आरिफ उर्फ अशरफ को मौत की सजा देने के मामले का उल्लेख किया। उस सुनवाई में कहा गया था कि तीन जजों की पीठ ही मौत की सजा से जुड़े मामलों की सुनवाई कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करने की दी ये दलील
हेगड़े ने कहा कि 'मान लीजिए कि दो जजों की पीठ कुछ आरोपियों को मौत की सजा दे देती है तो फिर इस मामले पर तीन जजों की पीठ को फिर सुनवाई करनी पड़ेगी।' हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस सबमिशन को खारिज कर दिया और कहा कि तीन जजों की पीठ उन्हीं मामलों पर सुनवाई कर सकती है, जिनमें उच्च न्यायालय ने मौत की पुष्टि कर दी हो। जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय ने इस मामले में 11 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। इस मामले में सिर्फ ट्रायल कोर्ट ने ही मौत की सजा सुनाई है। ऐसे में इस मामले में दो जजों की पीठ सुनवाई कर सकती है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सितंबर 2014 को दिए अपने एक फैसले में कहा कि मौत की सजा से जुड़े सभी मामले, जिन पर उच्च न्यायालय फैसला दे चुका हैं, उनकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ही करेगी।

गुजरात उच्च न्यायालय ने 11 दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदली थी
27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद राज्य में दंगे भड़क गए थे। सत्र न्यायालय ने दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। गुजरात उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2017 के फैसले में 31 दोषियों की सजा को बरकरार रखा था और 11 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। गुजरात सरकार ने 11 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने का विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट में अपील की। साथ ही कई दोषियों ने उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें दोषी बरकरार रखने के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। 

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *