बालाघाट
वन परिक्षेत्र कटंगी के गोरेघाट सर्किल में एक किसान अपने खेत में बनी झोपडी में बैठा था। इसी दौरान शनिवार की अलसुबह साढ़े चार से पांच बजे के बीच बाघ ने किसान को अपना शिकार बना लिया। इस घटना के बाद से किसानों और पूरे गांव में दहशत बनी है।
जानकारी के अनुसार, गांव गोरेघाट जंगल से लगा है। इस गांव के किसानों ने खेतों में रबी की फसल लगाई है। फसल को खाने जंगली सूअर रोजाना खेत में आ जाते हैं। इस वजह से किसान उन्हें भागने के लिए फटाखे फोड़ते है।
पटाखे फोड़कर झोपड़ी में जाकर बैठ गया था
ग्राम गोरेघाट निवासी किसान प्रकाश पिता तुकाराम पाने (58 वर्ष) ने रात तीन बजे जंगली सूअर को भागने के लिए पटाखे फोड़े और खेत की झोपड़ी में जाकर बैठ गया। सुबह होने पर वो घर नहीं पहुंचा, तो उसका पुत्र खेत में झोपडी तरफ जाकर देखा, लेकिन नहीं दिखाई दिया।
आवाज लगाई, पर पता नहीं चलने पर झोपडी के आगे एक बंधी में बाघ उसके पिता को खाते दिखा। बाघ को देख वो उल्टे पर गांव में लौट आया और परिजन सहित आसपास में जानकारी दी।
तभी सभी लोग मौके पर गए और बाघ को भगाने के लिए शोर मचाने लगे। बाघ ने किसान के शरीर के आधे पैर को खा लिया। जिसकी सूचना वन विभाग को दी गई, लेकिन वन विभाग 11 बजे तक मौके पर नहीं पहुंच पाया।
15 दिन से बाघ का मूवमेंट
किसानों में बताया कि गोरेघाट से समीप में जंगल लगा है। बाघ 15 दिनों से खेत में विचरण कर रहा है। इसके एक सप्ताह पहले भी खेत में बैठे एक किसान ने इस बाघ को नजदीक से देखा था। उस समय गनीमत रही कि बाघ सोया था, नहीं तो बड़ी घटना हो सकती थी। बताया गया कि इतने दिनों में ग्राम गोरेघाट में बाघ ने पांच बकरियों का शिकार किया है।
वन विभाग को मिली सूचना
गोरेघाट में एक किसान का बाघ ने शिकार किया है। इसकी सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हमारा दल मौके पर पहुंच रहा है। मौके पहुंचने के बाद आगे की जांच की जाएगी। – बाबूलाल चढ़ार, वन परिक्षेत्र अधिकारी कटंगी।