मध्य प्रदेश में जिन जिलों में कांग्रेस अध्यक्षों के पद खाली है वहां एक सप्ताह के भीतर नाम की घोषणा हो जाएगी

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भोपाल

कांग्रेस गुजरात में पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिला अध्यक्षों की नियुक्ति कर रहा है। नियुक्ति प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है, इस वजह से दूसरे प्रदेशों के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति रुक गई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन का कहना है कि गुजरात के तर्ज पर ही मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति करेगा। यही वजह है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस जिला अध्यक्षों की लिस्ट रुक गई है।  हालांकि जिन जिलों में अध्यक्षों के पद खाली है वहां एक सप्ताह के भीतर नाम की घोषणा हो जाएगी। दरअसल कांग्रेस के इतिहास में पहली बार अब जिलाध्यक्षों की सीधी नियुक्ति खुद हाईकमान कर रहा। इसके तहत सबसे पहले गुजरात राज्य को राहुल गांधी ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना है। अब स्थानीय नेताओं की सिफारिश के बजाय पर्यवेक्षक जिलाध्यक्ष चुनेंगे।

केवल 30 फीसदी बदले जाएंगे अध्यक्ष
मध्य प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी डॉ.संजय कामले में बताया कि मध्य प्रदेश में ज्यादा जिला अध्यक्षों के बदलाव नहीं किए जाएंगे केवल 30 फ़ीसदी अध्यक्ष ही बदले जा सकते हैं क्योंकि एक-दो साल पहले ही ज्यादातर जिला अध्यक्ष बदले गए थे उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद भी बदलने की संभावना है। ज्यादातर पुराने नाम पर ही सहमति बन गई है। गुजरात में जिला अध्यक्षों को लेकर पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। गुजरात में जिला अध्यक्षों की घोषणा होने के बाद मध्य प्रदेश उसी तर्ज पर जिला अध्यक्षों की लिस्ट तैयार की जाएगी।

जिला अध्यक्ष होंगे पावरफुल
संगठन की मजबूती के मिशन में जुटे कांग्रेस आलाकमान ने अब जिला अध्यक्षों को फिर से पावरफुल बनाने की दिशा में धरातल पर ऑपरेशन शुरु कर दिया है। जिम्मेदारी के साथ जिला अध्यक्षों की जवाबदेही तय करने के लिए अब उनके चयन से जुड़ा कांग्रेस ने नया फार्मूला चुना है। अब विधायक और सांसदों सहित अन्य सीनियर लीडर की सिफारिशों पर जिला अध्यक्ष नहीं बनाए जाएंगे। अब नियुक्ति से पहले बाकायदा हर एंगल और समीकरणों के मद्देनजर रखते हुए पड़ताल की जाएगी।

कांग्रेस में जिलाध्यक्ष बनाने का नया फार्मूला

1- अब बड़े नेताओं की नहीं चलेगी चयन में पसंद-नापसंद
2- अब हाईकमान खुद करेगा जिला अध्यक्षों का चयन
3- गुजरात से चयन का पायलट प्रोजेक्ट किया शुरु
4- कांग्रेस के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा
5- जब पर्यवेक्षक करेंगे जिला अध्यक्ष का चयन
6- पर्यवेक्षक 5-5 नामों का करेंगे पैनल तैयार
7- हाईकमान हर एंगल से पैनल के नामों को करेगा क्रॉस चेक
8- उसके बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की होगी सूची जारी होगी।

राहुल गांधी की ड्रीम प्रोजेक्ट
खास बात है कि  खुद राहुल गांधी अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लीड कर रहे हैं। दरअसल राहुल गांधी का इसके पीछे मकसद है कि अब पार्टी को संगठन खास तौर से जिला अध्यक्षों के भरोसे चलाया जाए. इसलिए टिकट वितरण जैसे बड़े काम में उनका रोल तय होगा। लिहाजा वो चाहते है कि जिला अध्यक्ष ऐसा बने जो पार्टी की विचारधारा से जुड़ा हुआ हो। इसलिए उनका साफ कहना है कि जिला अध्यक्षों के चयन में कोई समझौता अब नहीं होगा।

 

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