मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माँ क्षिप्रा के घाटों की सफाई कर जल गंगा संवर्धन अभियान में सहभागिता की

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जल गंगा संवर्धन अभियान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माँ क्षिप्रा के घाटों की सफाई कर जल गंगा संवर्धन अभियान में सहभागिता की

माँ नर्मदा परिक्रमा मार्ग के सौंदर्यीकरण करण के साथ यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाया जाएगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

दो वर्षों में माँ क्षिप्रा के 29 किमी घाट और तैयार हो जायेंगे, जिससे माँ क्षिप्रा की परिक्रमा करने वाले यात्रियों को सुविधा होंगी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

पंच कोशी यात्रियों का स्वागत, सम्मान कर यात्रा का शुभारंभ कराया नगर निगम के स्वच्छता मित्रों का सम्मान किया

उज्जैन
जल गंगा संवर्धन अभियान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन क्षिप्रा के रामघाट पर जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत घाटों की सफाई की मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने क्षिप्रा नदी में उतरकर घाटों की सफाई की। उन्होंने सफाई के बाद क्षिप्रा में स्नान किया। उन्होंने माँ क्षिप्रा का पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान हमारे प्रदेश के पुराने ऐतिहासिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने का विशेष अभियान है। इसमें नदियों को पुनः प्रवहमान बनने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। भोपाल के पास बेतवा नदी के उद्गम स्थल को पुनर्जीवित कर दिया गया है, इस अभियान की यह विशेषता है कि हम अपनी ऐतिहासिक, पुरानी बावड़ी, कुएँ, तालाब, जल स्त्रोत को पुनर्जीवित कर रहे है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में और पूरे विश्व में हमारे मध्यप्रदेश की माँ नर्मदा ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा की जाती है, मध्यप्रदेश सरकार नर्मदा नदी के परिक्रमा स्थल को सुव्यवस्थित कर तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधाजनक व्यवस्थाएं बनाएंगे और माँ क्षिप्रा के घाटों को 29 किलोमीटर और बनाया जा रहा है, जिससे माँ क्षिप्रा के परिक्रमा करने वाले यात्रियों को भी सुविधा होगी। उज्जैन में माँ क्षिप्रा को प्रवहमान बनाने के लिए सिलारखेड़ी सेवरखेड़ी जलाशय योजना, माँ क्षिप्रा की स्वच्छता बनाए रखने के लिए खान डायवर्सन नदी परियोजना भी चल रही है। इसका 50% काम लगभग पूरा हो चुका है, आने वाले 2 वर्षों में माँ क्षिप्रा कल-कल होकर बहेगी, इसी संकल्प के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन ऐतिहासिक पौराणिक नगरी के साथ-साथ काल गणना का प्रमुख केंद्र रहा है, अकबर, शाहजहां, जहांगीर ने भी उज्जैन में प्रवास किया था और भर्तहरी गुफा पहुंचकर काल गणना के ज्ञान को समझा था, यहां पर उन्होंने टकसाल भी स्थापित कराई थी। यह केवल ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी के साथ एक वैज्ञानिक नगरी भी है हम इसके वैभव को पुनः स्थापित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं राजा भृतहरि, सम्राट विक्रमादित्य, सम्राट अशोक के साथ-साथ अन्य महान राजाओं के द्वारा उज्जैन के लिए अनेक प्रकार के प्रमाणिक कार्य किए गए हैं। श्रीमंत महाद जी सिंधिया ने पानीपत के युद्ध के बाद इसके गौरव को पुनर्स्थापित किया और लाल किले पर धवज फहराया था। इन सभी महान राजाओं की गाथा का आज भी उज्जैन की भूमि आज भी यशोगान कर रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सलामतपुर से आए पंचकोशी यात्रियों का सम्मान किया गया और उनकी यात्रा का शुभारंभ कराया गया और नगर निगम के स्वच्छता मित्रों का भी सम्मान किया गया।

इस अवसर पर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव नगर निगम महापौर मुकेश टटवाल, संजय अग्रवाल और जन प्रतिनिधि एवं संभाग आयुक्त संजय गुप्ता, आईजी उमेश जोगा, कलेक्टर रोशन कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार शर्मा भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाकाल थाने को आईएसओ प्रमाण पत्र मिलने पर शुभकामनाएं दी हैं।

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