वास्तु शास्त्र अनुसार इस दिशा में रहते है कुबेर देवता

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admin धर्म 11 Views
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वास्तु शास्त्र में कुबेर स्थान का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि इसे धन, संपत्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कुबेर देवता को धन के देवता के रूप में पूजा जाता है और उनका वास उन स्थानों पर होता है, जहां धन और समृद्धि की ऊर्जा का प्रवाह होता है। कुबेर का नाम सुनते ही हमारे मन में धन-संपत्ति और समृद्धि की छवि बन जाती है।

कुबेर स्थान का महत्व और वास
कुबेर स्थान की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर और उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा को कुबेर देवता का स्थान माना जाता है। इस दिशा को धन और समृद्धि की दिशा माना जाता है। इसलिए यदि इस दिशा में घर का मुख्य प्रवेश द्वार या कोई महत्वपूर्ण कार्यस्थल हो, तो वह स्थान समृद्धि और सफलता के लिहाज से शुभ माना जाता है।

कुबेर देवता का निवास स्थान
कुबेर देवता का निवास स्थान विशेष रूप से उत्तर दिशा में माना जाता है क्योंकि उत्तर दिशा को वृद्धि और उन्नति की दिशा माना जाता है। अगर इस दिशा में कोई रुकावट या नकारात्मकता हो तो व्यक्ति को धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, यदि उत्तर दिशा में कोई भारी वस्तु या नकारात्मक तत्व रखे हों तो यह कुबेर देवता की कृपा को बाधित कर सकता है।

धन और समृद्धि में वृद्धि
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में उत्तर दिशा को साफ और खुला रखना चाहिए। इस दिशा में किसी भी प्रकार की भारी वस्तुएं या गंदगी नहीं रखनी चाहिए क्योंकि इससे कुबेर देवता की कृपा रुक सकती है और घर में धन की कमी हो सकती है। इसके अलावा उत्तर दिशा में धन के संग्रह या बैंकिंग कार्य जैसे कार्य करने से संपत्ति में वृद्धि होती है।

कुबेर स्थान और पूजा
यदि आप घर में कुबेर देवता की पूजा करना चाहते हैं तो आपको उत्तर दिशा में कुबेर देवता की प्रतिमा या चित्र रखना चाहिए। इसके साथ ही वहां सोने, चांदी या अन्य आभूषण रखने से उनकी कृपा और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। विशेष रूप से कुबेर यंत्र और कुबेर देवता के मंत्र का जाप करने से धन के मामले में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।

कुबेर स्थान की दिशा से जुड़ी कुछ और बातें
वृद्धि के लिए उत्तर दिशा को खुला रखें
यदि घर में उत्तर दिशा अवरोधित है, तो यह कुबेर देवता की कृपा को रुकावट डाल सकता है। इस दिशा में भारी सामान जैसे दीवार, मेज या अन्य किसी प्रकार की रुकावट से बचना चाहिए।

ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा)
उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहा जाता है और यह भी कुबेर देवता के वास के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिशा में पवित्र स्थान या पानी के स्रोत जैसे तालाब या स्विमिंग पूल रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। ईशान दिशा में पानी और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।

अलमारी और तिजोरी का स्थान
यदि घर में धन की तिजोरी या अलमारी है, तो उसे उत्तर दिशा में रखना शुभ होता है। यह स्थान धन के भंडारण के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है क्योंकि इससे कुबेर देवता की कृपा बनी रहती है और धन में वृद्धि होती है।

कुबेर स्थान से संबंधित कुछ खास उपाय
कुबेर यंत्र का उपयोग
कुबेर यंत्र को घर के उत्तर दिशा में स्थापित करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। इसे ध्यानपूर्वक पूजा करना और नियमित रूप से मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।

सोने और चांदी का भंडारण
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा में सोने, चांदी या अन्य मूल्यवान चीजें रखने से धन में वृद्धि होती है।

साफ-सफाई और प्रकाश
इस दिशा को हमेशा स्वच्छ और उज्ज्वल रखें। अंधेरे या गंदगी से कुबेर देवता की कृपा में कमी आ सकती है। इस दिशा को स्वच्छ और संकलित रखें, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।

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