कदंब के पेड़ पर बांधा जाता है मन्नत का नारियल

admin
4 Min Read

बालोद

छत्तीसगढ के बालोद व दुर्ग जिले की सीमा पर बसा एक गांव है ओटेबंद बगीचा, जो बालोद जिले में गुंडरदेही ब्लॉक में आता है। ओटेबंद के विष्णुधाम मंदिर में मेला लगाता है। इस गांव के मंदिर की अपनी विशेष पहचान है। यहां एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान विष्णु क्षीरसागर की मुद्रा में विराजमान हैं। यहां फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष को मेला आयोजित होता है। 11 दिन से यहां मेला लगा हुआ है और इसकी शुरुआत वर्ष 1961 से हुई थी। यहां पूरे देश भर से साधु-संत आते हैं और यहां एक ऐसा कदंब का वृक्ष है, यहां श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होती है। आइए जानते है इस मंदिर की विशेषता और इस मेले का महत्व।

बालोद और दुर्ग जिले में यह एकलौता मंदिर है। जहां पर भगवान विष्णु शयन और लक्ष्मी के पैर दबाते क्षीरसागर में आराम की मुद्रा को दिखाया गया है। इस गांव के मंदिर में आप वृहद रूप से एक बड़े क्षेत्र पर बने इस मूर्तियों की श्रृंखला को देखकर आश्चर्य रह जाएंगे कि इसकी बनावट बहुत ही सुंदर है। हर कोई जब इस मंदिर में जाता है तो इस क्षीरसागर रुपी मुद्रा को देखने के लिए आतुर होता है। और यहां पहुंच कर लोग भगवान विष्णु लक्ष्मी सहित अन्य देवी-देवताओं के दर्शन करते है।

फाल्गुन शुक्ल पक्ष में लगता है मेला
मंदिर समिति के सदस्य एवं स्थानीय जनपद अध्यक्ष पुरुषोत्तम लाल चंद्राकर ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष में यह मेला लगता है और यह मेले के पूर्णाहुति का समय है। 1961 से यहां 11 दिनों तक महायज्ञ का आयोजन होता है। मंदिर की स्थापना 1993 से शुरू हुई थी, 1996 में पूरी हुई और सनातन हिन्दू महर्षि करपात्री महराज यहां आए। उन्होंने इस तीर्थ को तपोभूमि की संज्ञा दी और यहां चार शंकराचार्य का आगमन भी हो चुका है।

कदंब के वृक्ष की अनोखी लीला
मंदिर समिति के संस्थापक सदस्य वीरेंद्र कुमार दिल्लीबार ने बताया कि यहां सबसे बड़ी मान्यता है कि कदंब के वृक्ष पर सच्ची आस्था से मांगी गई श्रद्धालु की हर मन्नत पूरी होती है। उन्होंने कहा कि इंदौर का एक परिवार जिनके कोई संतान नहीं थे उन्होंने यहां पर मन्नत मांगी और एक वर्ष के भीतर उन्हें संतान सुख की प्राप्ति हुई। एक व्यक्ति जिसका ट्रक घर से गायब हो गया था, उसने इस जगह पर मन्नत मांगी और उसका ट्रक दो दिनों के भीतर मिल गया। उन्होंने कहा जिन्हें मन्नत मांगना होता है, वह इस कदंब की वृक्ष में जहां पर राधा रानी विराजमान हैं, श्री कृष्णा विराजमान हैं, वहां नारियल बांधते हैं।

लगता है विराट मेला
यहां पर भगवान विष्णु महायज्ञ का आयोजन होता है, जो कि अनवरत 11 दिनों तक चलता है और अभी हम मेला समापन की ओर हैं और इस मेले की सबसे खास बात यह है कि पूरे छत्तीसगढ़ सहित देश के कोने-कोने से लोग यहां पर आते हैं। 

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *