राजस्थान-जोधपुर में 45 पाक विस्थापितों को मिली भारतीय नागरिकता, महापौर ने 29 को सौंपे स्वीकृति पत्र

admin
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जयपुर।

जोधपुर के जेएनवीयू सभागार में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में 45 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता एवं 29 को स्वीकृति पत्र सौंपे गए। नागरिकता पाने वाले सभी लोगों के चेहरे पर खुशी का ज्वार उमड़ता रहा और आँखों में प्रसन्नता के आँसू छलकते रहे।

इस अवसर पर महापौर (दक्षिण) वनिता सेठ ने भारतीय नागरिकता पाने वाले सभी पाक विस्थापितों को बधाई देते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।  उन्होंने इन नागरिकों को विश्वास दिलाया कि नगर निगम उनके बेहतर भविष्य के लिए निरंतर कार्य करता रहेगा। संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह ने  प्रदेश में पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की दिशा में किए जा रहे सार्थक प्रयासों का उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य सरकार सभी पाक विस्थापितों के अधिकारों और हितों के प्रति पूर्ण सजग है तथा उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन का सदैव यही प्रयास रहता है कि प्राप्त प्रकरणों को नियमानुसार शीघ्र निस्तारित कर हर संभव सुविधा मुहैया कराई जाए। इसके लिए सरकार हमेशा प्रतिबद्ध रही है। जिला कलक्टर श्री गौरव अग्रवाल ने कहा कि यह 45 नागरिकों के साथ-साथ 45 संघर्ष की कहानियां भी हैं जिनमें प्रत्येक कहानी अपने आप में प्रेरणादायक है। उन्होंने संविधान  प्रदत्त अधिकारों का बोध कराते हुए कहा कि अधिकारों के साथ अपने कर्त्तव्यों को भी पूरी जिम्मेदारी से निभाने के लिए हमेशा तत्पर रहें। कार्यक्रम में शिक्षा और व्यवसाय से जुड़ी समस्याओं पर विशेष चर्चा की गई। ज़िला कलेक्टर श्री गौरव अग्रवाल ने सभी पाक विस्तापित नागरिकों से उनकी समस्याएं पूछी और संबंधित अधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए। नागरिकों ने काम-धंधों में आ रही कठिनाइयों को प्रशासन के समक्ष रखा, जिसे गंभीरता से सुना गया और उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया गया।नागरिकता प्राप्त करने वालों में वर्ष 1949 में जन्मी श्रीमती शांति देवी सबसे वृद्ध नागरिक है। उन्होंने इस ऐतिहासिक दिन पर भावुक होकर कहा, “यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा दिन है। इतने वर्षों के संघर्ष के बाद मुझे यह पहचान मिली है।” कार्यक्रम में नागरिकता पाने वाले सभी लोग खुशी के मारे झूम उठे और कहा कि सरकार के प्रति धन्यवाद जताने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। भारतीय नागरिक होने पर अब उनके जीवन की हर राह आसान हो गई है और सभी समस्याओं का अंत हो गया है।

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