राजस्थान-प्रमुख सचिव ने सहकारिता विभाग में कार्य संस्कृति सुधार के दिये टिप्स, राज्य सरकार एवं विधानसभा के पत्रों को प्राथमिकता से करें डिस्पोजल

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जयपुर।

प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारिता मंजू राजपाल ने कहा कि वर्ष 2025 में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक संकल्प लेना चाहिये कि वे विभाग में राज्य सरकार, लोकायुक्त, विधानसभा आदि के स्तर से प्राप्त पत्रों, प्रश्नों एवं निर्देशों के संबंध में त्वरित कार्यवाही करेंगे और इनके निस्तारण में लगने वाले समय को न्यूनतम स्तर तक लायेंगे और सहकारिता विभाग को एक उदाहरण के रूप में पेश करेंगे।

राजपाल ने शुक्रवार को नेहरू सहकार भवन स्थित सभागार में विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुये कहा कि सभी फंक्शनल अधिकारी अनुभाग में प्राप्त पी.यू.सी. के निस्तारण के लिये साप्ताहिक कार्य योजना बनाकर काम करें और उनका दैनिक मॉनिटरिंग भी करें ताकि उनका समयबद्ध तरीके से डिस्पोजल हो सके। उन्होंने कहा कि इसके लिये अपने कार्मिकों के बीच कार्य विभाजन को परिभाषित करें और उनके मध्य रोटेशन ऑफ ड्यूटीज भी करते रहें ताकि किसी विशिष्ट अवधि में कार्मिक की अनुपस्थिति से अनुभाग का कार्य प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, लोकायुक्त कार्यालय एवं विधान सभा से प्राप्त पत्रों, प्रश्नों, निर्देशों के संबंध में संबंधित संस्थाओं और कार्यालयों से सामंजस्य स्थापित करते हुये टाइम बाउण्ड तरीके से निस्तारण किया जावे। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकरण में सारगर्भित कार्यालय टीप अंकित की जावे तथा उससे संबंधित विषयों और पत्रों को सही ढंग से फ्लेग किया जावे। ऐसा करने से उच्च स्तर पर त्वरित निर्णय संभव हो सकेंगे। रजिस्ट्रार ने कहा कि सहकारिता विभाग राज्य की कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में एक महत्वपूर्ण विभाग है और विभाग सहकारी संस्थाओं के सहयोग से लगातार कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग के कार्य निष्पादन प्रदर्शन में सुधार का सीधा प्रभाव योजनाओं के क्रियान्वयन पर पडता है। इसलिये यह हमारी सबकी जिम्मेदारी है कि हम सभी एक टीम के रूप में कार्य करें और गुणवत्तापूर्ण तरीके से कार्य कर आमजन को अधिक से अधिक राहत दें।

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