सीमाओं को सुरक्षित करने के साथ-साथ देश की संस्कृति को भी सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है : राजनाथ सिंह

admin
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हैदराबाद
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश में एकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि विभाजन को हमेशा हार का सामना करना पड़ा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की संस्कृति की सुरक्षा करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि सीमाओं को सुरक्षित रखना है। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी हमारी एकता कमजोर हुई है तब-तब आक्रमणकारियों ने हमारी सभ्यता और हमारी संस्कृति को नष्ट करने की पूरी कोशिश की है। इसलिए इतिहास से सीख कर एकता की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए।’’

मंत्री ने कहा, ‘जो लोग विभाजन करते हैं वे विभिन्न धर्मों, जातियों और संप्रदायों सहित कई आधारों पर लोगों को बांटने की कोशिश करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आपको विभाजित नहीं होना चाहिए। आपको न तो विभाजित होना चाहिए और न ही दूसरों को विभाजित करना चाहिए। पूरे देश को एक साथ रहना होगा। हमें एकजुट रहना है। यदि हम विभाजन से बचते हैं तो हम विकास की ओर बढ़ेंगे और एक विकसित एवं मजबूत भारत का निर्माण करेंगे।’’

राजनाथ सिंह ने एक निजी टीवी चैनल द्वारा आयोजित किए गए ‘कोटी दीपोत्सवम’ समारोह के दौरान यह टिप्पणी की। प्राचीन शास्त्रों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एकता समाज की ताकत है। सिंह ने कहा कि एकता सुनिश्चित करके इस प्रकाश को न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में फैलाना चाहिए क्योंकि भारत पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर ध्यान दे रही है। राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ देश के लिए सांस्कृतिक विकास भी इतना ही महत्वपूर्ण है। रक्षा मंत्री ने कहा कि यदि कोई देश अपनी संस्कृति को खो देता है तो उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री होने के नाते यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि हमारे नेतृत्व में देश की सीमाएं सुरक्षित रहें। लेकिन मेरा यह भी मानना है कि देश की संस्कृति को सुरक्षित रखना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत केवल एक राजनीतिक इकाई नहीं है बल्कि इसकी हजारों वर्षों की सांस्कृतिक पहचान भी है, जिसके कारण हम दुनिया भर में जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी देश सिर्फ जमीन के टुकड़े और उसके लोगों से नहीं बनता, बल्कि एक राष्ट्र उसकी संस्कृति से बनता है। उन्होंने कहा, ‘अगर किसी देश के लोगों में अपनी संस्कृति के प्रति नफरत भरी जाए, तो वह देश किसी समय विभाजित हो जाएगा।’

सिंह ने कहा, ‘जिन लोगों ने भारत और उसके लोगों को विभाजित करने की कोशिश की, उन्होंने हमारी संस्कृति को कमतर दिखाने की कोशिश की, लेकिन देशवासियों की जागरूकता के कारण वह दौर अब खत्म हो गया है।’ उन्होंने कहा कि अब देश में सांस्कृतिक पुनरुत्थान हो रहा है।

 

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