इतिहास में है रूचि तो यह फील्ड होगी आपके लिए सबसे बेस्ट

admin
admin धर्म 29 Views
3 Min Read

हाल ही में रामजन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया जिसके बाद एक बार फिर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) सुर्खियों में है। इस फैसले में भारतीय पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट का अहम रोल रहा। बता दें, ऐतिहासिक-सांस्कृतिक महत्व के स्थलों की खोज, वहां से उपलब्ध साक्ष्यों के जरिए उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाना पुरातत्वविदों का मुख्य काम होता है। इस फील्डे में भी विशेषज्ञों की जरूरत होती है। अगर आप भी इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं तो जानिए इससे जुड़ी डीटेल्स्…

क्या होता है पुरातत्वविद का काम?
पुरातत्वविद (आर्कियोलॉजिस्ट) का काम इतिहास को खोजना और संरक्षित करना होता है। साथ ही ये विशेषज्ञ ऐतिहासिक वस्तुओं और सभ्यताओं की खोज से लेकर संग्रहालयों के संरक्षण का काम भी करते हैं। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों की खोज व संरक्षण, म्यूजियम्स, आर्ट गैलरीज को देखते हुए आर्कियोलॉजी के क्षेत्र में भी करियर की बहुत संभावनाएं हैं।

कोर्स और एलिजबिलिटी
आर्कियोलॉजी में ग्रैजुएट, पोस्ट ग्रैजुएट और पीएचडी लेवल के कोर्स होते हैं। 12वीं में हिस्ट्री  (इतिहास) की पढ़ाई करने वाले ग्रैजुएशन में आर्कियोलॉजी पढ़ सकते हैं और इसी में पोस्ट1 ग्रैजुएशन की डिग्री भी हासिल कर सकते हैं। ग्रैजुएशन लेवल पर कई संस्थानों और कॉलेजों में एक साल का पीजी डिप्लोमा होता है। इसके अलावा म्यूजियोलॉजी के रूप में भी कई कोर्स होते हैं जिसके लिए किसी भी बैकग्राउंड के ग्रैजुएट एलिजबिल होते हैं।

कहां मिल सकती है जॉब?
आर्कियोलॉजी/हेरिटेज मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद आपके लिए शिक्षण, अनुसंधान, उत्खनन और संग्रहालय के क्षेत्र में करियर के कई ऑप्शपन होते हैं। आर्कियोलॉजी का कोर्स करके आप नई दिल्ली स्थित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) और राज्यों में स्थित इनके क्षेत्रीय केंद्रों में आर्कियोलॉजिस्ट या असिस्टेंट आर्कियोलॉजिस्ट के रूप में जॉब कर सकते हैं।

कितनी मिलती है सैलरी
यही नहीं, आपके लिए आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम्स, नैशनल और स्टेट लेवल के म्यूजियम्स, आर्ट गैलरीज, कन्ज र्वेशन लैब्स जैसी जगहों पर भी जॉब के ऑप्शेन होते हैं। असिस्टेंट आर्कियोलॉजिस्ट या ऑर्ट रेस्टोरर को इस फील्ड में 50 हजार रुपये तक सैलरी मिल सकती है।

इन जगहों पर मिलती है प्राथमिकता
बता दें, आर्कियोलॉजिकल बैकग्राउंड के प्रफेशनल लोगों को फॉरेन मिनिस्ट्रील के हिस्टॉरिकल डिविजन, एजुकेशन मिनिस्ट्रीह, नैशनल आर्काइव्सल ऑफ इंडिया, इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टॉरिकल रिसर्च और प्लानिंग कमीशन जैसे डिपार्टमेंट्स के अपॉइंटमेंट्स में प्राथमिकता दी जाती है। यूनेस्को और यूनिसेफ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी काफी बेहतर संभावनाएं होती हैं।

 

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *