दिल्ली में यमुना नदी में सफेद झाग की मोटी परत देखने को मिली, विशेषज्ञों ने जताई स्वास्थ्य जोखिम की चिंता

admin
3 Min Read

नई दिल्ली
दिल्ली में यमुना नदी में शुक्रवार को सफेद झाग की मोटी परत देखने को मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है विशेष रूप से तब, जब त्योहार का मौसम नजदीक आ गया है। सोशल मीडिया पर प्रसारित कई वीडियो में नदी का ज्यादातार हिस्सा झाग की परत से ढका दिख रहा है मानो जैसे नदी की सतह पर बादल छा गए हों। हालांकि बाद में ये झाग धीरे धीरे छंट गया।

साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रीवर्स एंड पीपुल (एसएएनडीआरपी) के सहायक समन्वयक भीम सिंह रावत ने कहा, ‘‘आम तौर पर ऊपरी यमुना के हिस्से में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर होती है, लेकिन इस साल 2024 के हाल में समाप्त हुए दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान कोई बाढ़ नहीं आई।'' रावत ने कहा, ‘‘यह असामान्य है, क्योंकि नदी में आम तौर पर हर साल इस खंड में कम से कम दो बार कम या मध्यम स्तर की बाढ़ आती है।''
 
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नदी में प्रदूषण एक गंभीर चिंता का विषय है, जो मानव स्वास्थ्य और नदी के पास के वन्य जीवन को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि नदी में स्वाभाविक रूप से सफाई करने की क्षमता है, लेकिन प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इस साल मानसून के दौरान जो सफेद झाग देखा गया था, वह त्योहारों के समय ज्यादा नजर आ रहा है। विशेषज्ञों ने सरकार से यमुना में प्रदूषण के स्तर को कम करने का आग्रह किया है, खासकर तब जब छठ पूजा जैसे प्रमुख त्योहार नजदीक आ रहे हैं।

पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, इस झाग में अमोनिया और फॉस्फेट की उच्च मात्रा होती है जिससे श्वसन और त्वचा संबंधी समस्याओं सहित स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम पैदा होता है। एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘इस प्रकार का झाग तब बनता है जब सड़ते हुए पौधों से निकलने वाली वसा और प्रदूषक तत्व पानी में मिल जाते हैं, लेकिन मानसून के दौरान इसकी उपस्थिति आश्चर्यजनक है।'' उन्होंने झाग बनने का कारण बाढ़ की अनुपस्थिति को बताया, जो आमतौर पर प्रदूषकों को बहा ले जाती है। 

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *