लखनऊ: 10 सितम्बर, 2024 : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज प्रयागराज में प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय का सातवां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल जी ने कुल 115,827 उपाधियाँ प्रदान की। 49 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण, 52 को रजत और 55 को कांस्य पदक प्रदान किए गए। पदक प्राप्त करने वालों में 71 प्रतिशत छात्राएं शामिल रहीं। सभी उपाधियों को डिजीलॉकर पर अपलोड किया गया।
इस अवसर पर कुलाधिपति ने पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि बेटियों द्वारा की जा रही मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि बेटियाँ, बेटों से आगे निकल रही है।
राज्यपाल जी ने उपाधि/पदक प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई, व संस्कार में माँ की अहम भूमिका होती है। अतः माताओं का सम्मान सदैव करना चाहिए। उन्होंने सभी मेधावियों का आह्वान करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक उपाधि है, यदि आप अच्छा कार्य नहीं करते हैं तो यह डिग्री सिर्फ दीवार में टंगी रहेगी। इसलिए डिग्री के साथ-साथ अच्छे संस्कार और अच्छा कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन को जीवन के हर क्षेत्र में निरंतर बनाए रखें। उन्होंने कहा कि गतिशील वैश्विक परिदृश्य मंे विद्यार्थियों को सचेत और जागरूक रहते हुए अपना स्थान बनाना है तथा बेहतर समाज और देश के निर्माण में भी योगदान देना है।
राज्यपाल जी ने भारत सरकार केे बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के लिए 1.48 लाख करोड़ का बजट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को ‘ए प्लस प्लस‘ लाने के लिए सक्रिय रूप से मेहनत किए जाने की जरूरत है।
इस अवसर पर कुलाधिपति ने पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि बेटियों द्वारा की जा रही मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि बेटियाँ, बेटों से आगे निकल रही है।
राज्यपाल जी ने उपाधि/पदक प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई, व संस्कार में माँ की अहम भूमिका होती है। अतः माताओं का सम्मान सदैव करना चाहिए। उन्होंने सभी मेधावियों का आह्वान करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक उपाधि है, यदि आप अच्छा कार्य नहीं करते हैं तो यह डिग्री सिर्फ दीवार में टंगी रहेगी। इसलिए डिग्री के साथ-साथ अच्छे संस्कार और अच्छा कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन को जीवन के हर क्षेत्र में निरंतर बनाए रखें। उन्होंने कहा कि गतिशील वैश्विक परिदृश्य मंे विद्यार्थियों को सचेत और जागरूक रहते हुए अपना स्थान बनाना है तथा बेहतर समाज और देश के निर्माण में भी योगदान देना है।
राज्यपाल जी ने भारत सरकार केे बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के लिए 1.48 लाख करोड़ का बजट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को ‘ए प्लस प्लस‘ लाने के लिए सक्रिय रूप से मेहनत किए जाने की जरूरत है।