नई दिल्ली : भारत सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती पर विचार कर रही है। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब वैश्विक तेल की कीमतें जनवरी 2024 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई हैं, जिससे सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) की लाभप्रदता में सुधार हुआ है। यह खबर इंडिया टुडे टीवी के सूत्रों के हवाले से आई है।
मार्च 2024 के आम चुनावों से पहले सरकार ने आखिरी बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। अब जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच कीमतों में संभावित कटौती की खबरें सामने आ रही हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के विकल्पों पर विचार कर रही है, और इस पर अंतर-मंत्रालयी चर्चाएं जारी हैं।
हाल ही में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखी गई है। अमेरिकी कच्चा तेल $70 प्रति बैरल से नीचे आ गया, जबकि ब्रेंट क्रूड $1 गिरकर $72.75 प्रति बैरल पर पहुंच गया। कीमतों में इस तेज गिरावट का कारण लीबियाई तेल की वापसी और ओपेक+ और गैर-ओपेक उत्पादकों द्वारा उत्पादन बढ़ाना है।
तेल कंपनियों पर असर
संभावित कीमतों में कटौती की खबरों का बाजार पर असर पड़ा है। जिसके चलते भारत की प्रमुख सरकारी तेल कंपनियों – हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOC) के शेयर शुक्रवार को 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
अगस्त में, अमेरिकी मंदी की आशंका के कारण तेल की कीमतों में गिरावट आई थी, जो बाद में पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष के डर से कीमत में सुधार हुआ था। हालांकि, अस्थायी सुधार के बावजूद, ब्रेंट क्रूड की कीमतें लगातार निचले स्तर पर बनी हुई हैं और पिछले हफ्ते मांग संबंधी चिंताओं के कारण एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गईं।
बहरहाल, भारत में पेट्रोलियम उत्पादों में कितनी कटौती की जाएगी इसकी तस्वीर साफ नहीं हुई है। वित्त मंत्रालय ने अभी तक प्रस्तावित कीमतों में कटौती पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।