लखनऊ: प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ का दसवां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। दीक्षांत समारोह में कुल 3049 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। स्नातक, परास्नातक, पी.एच.डी. आदि पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को उपाधि व स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया। राज्यपाल जी ने राजभवन के तरफ से प्राथमिक स्कूल के बच्चों को किताबें भी प्रदान की।
राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह दिन केवल आपके लिए नहीं, बल्कि आपके माता-पिता और परिजनों के लिए भी संतुष्टि और गर्व का दिन है, जिन्होंने आपकी शिक्षा के लिए कड़ी मेहनत और पूंजी निवेश किया है। माता-पिता अपनी संतान को सुशिक्षित बनाने और उनके बेहतर भविष्य के लिए अपनी सभी सुख-सुविधाओं का परित्याग कर देते हैं।
राज्यपाल जी ने छात्रों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और शोध निर्देशकों की भी सराहना की, जिन्होंने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और उनके विचार एवं दृष्टिकोण को एक निश्चित दिशा देने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नामकरण युगपुरुष स्वामी विवेकानंद के नाम पर किया गया है, जो युवाओं के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेंगे। स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षा में चरित्र निर्माण, मन की शक्ति, बुद्धि का विस्तार और आत्मनिर्भरता के सिद्धांत निहित थे।
राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह दिन केवल आपके लिए नहीं, बल्कि आपके माता-पिता और परिजनों के लिए भी संतुष्टि और गर्व का दिन है, जिन्होंने आपकी शिक्षा के लिए कड़ी मेहनत और पूंजी निवेश किया है। माता-पिता अपनी संतान को सुशिक्षित बनाने और उनके बेहतर भविष्य के लिए अपनी सभी सुख-सुविधाओं का परित्याग कर देते हैं।
राज्यपाल जी ने छात्रों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और शोध निर्देशकों की भी सराहना की, जिन्होंने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और उनके विचार एवं दृष्टिकोण को एक निश्चित दिशा देने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नामकरण युगपुरुष स्वामी विवेकानंद के नाम पर किया गया है, जो युवाओं के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेंगे। स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षा में चरित्र निर्माण, मन की शक्ति, बुद्धि का विस्तार और आत्मनिर्भरता के सिद्धांत निहित थे।