नई दिल्ली : केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने नई दिल्ली में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत सरकार गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. मांडविया ने गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों की सुरक्षा के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम में इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार इन श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए विभिन्न तरीकों पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों की भलाई के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, ये हमारे कार्यबल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।”
उन्होंने कहा कि हम उन्हें वह सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक व्यापक रणनीति पर काम कर रहे हैं जिसके वे हकदार हैं।
ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण
सामाजिक सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए डॉ. मांडविया ने बताया कि ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिकों का पंजीकरण किया जाएगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को रोजगार देने वाली कंपनियों को ई-श्रम पोर्टल पर अपने श्रमिकों को पंजीकृत करने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए कहा जाएगा। डॉ. मांडविया ने कहा कि, “ऐसी कंपनियों के लिए एक ऑनलाइन विंडो उपलब्ध कराई जाएगी ताकि उनके श्रमिकों के लिए एक सुचारू और कुशल पंजीकरण प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके।”
सामाजिक सुरक्षा संहिता के तहत पहली बार मान्यता
केंद्रीय मंत्री ने सामाजिक सुरक्षा संहिता के महत्व पर भी जोर दिया जो पहली बार भारत में गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को परिभाषित करती है। उन्होंने कहा, “यह हमारी अर्थव्यवस्था के भीतर गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों की भूमिकाओं को स्वीकार करने और औपचारिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
पिछले दिनों राहुल गाँधी ने गिग वर्कर्स के लिए न्याय का आह्वान किया था
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पिछले दिनों उबर की सवारी कर गिग वर्कर्स का दर्द जाना था। राहुल ने कहा था कि कांग्रेस की राज्य सरकारें गिग वर्कर्स के लिए ठोस नीतियां बनाकर न्याय सुनिश्चित करेंगी तथा विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) संघर्ष के साथ इन नीतियों का देशव्यापी विस्तार सुनिश्चित करेगा। ‘गिग वर्कर्स’ उन श्रमिकों को कहा जाता है जिनका काम अस्थायी होता है।