लखनऊ: 29 अगस्त, 2024 उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पुरातत्व निदेशालय को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित प्राचीन धरोहरों, स्मारकों, किला एवं भवनांे के गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक योगदान को पर्यटकों को अवगत कराने के लिए सभी स्थलों पर पूर्ण विवरण के साथ तीन महीने के अंदर शिलालेख लगाया जाए। इस शिलालेख में धरोहर का इतिहास, कहानी तथा किवदंतियों आदि को भी दर्शाया जाए।
पर्यटन मंत्री आज गोमतीनगर स्थित पर्यटन भवन में उ0प्र0 राज्य पुरातत्व परामर्शदात्री समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 प्राचीन एवं ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध प्रदेश है। यहां कदम-कदम पर प्राचीन स्मारकों के अवशेष तथा ढांचे हैं। पर्यटन की दृष्टि से ऐसे भवनों को पीपीपी मॉडल पर रखरखाव तथा हेरीटेज होटल विकसित करने के लिए इनको संरक्षित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्मारकों के मौलिक स्वरूप से छेड़छाड़ किये बिना इनका निरीक्षण कार्य विशेषज्ञांे की देखरेख में कराया जाए।
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