लखनऊ, 20 अगस्त, 2024. राजीव गाँधी ने दलित हिंसा विरोधी क़ानून बनाकर दलितों को सुरक्षा की गारंटी दी थी. जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ा और वो सार्वजनिक जीवन में आगे बढ़े. आज राहुल गाँधी बहुजन समाज को मिले संवैधानिक अधिकारों को बचाने के लिए संसद से सड़क तक संघर्ष कर रहे हैं. जिससे बहुजन समाज को जुड़ना होगा ।
ये बातें पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गाँधी की 80 वीं जयन्ती पर शहर और ज़िला अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा प्रेस क्लब में आयोजित ‘दलित समाज के सशक्तिकरण में राजीव गाँधी की भूमिका’ विषयक गोष्ठी में पूर्व मन्त्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राज बहादुर ने कहीं ।
पूर्व मन्त्री मोईद अहमद ने कहा कि पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था लागू कर कमज़ोर तबके के लोगों को राजीव गाँधी ने राजनीति में सशक्त किया. वो चाहते थे कि सबसे कमज़ोर तबके के लोगों को निर्णय लेने का अधिकार दिया जाए. उन्होंने कहा कि पहले लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में इंटरव्यू में नंबर ज़्यादा होता था जिससे दलितों के साथ भेदभाव किया जाता था. राजीव गाँधी ने इसे बदल कर लिखित परीक्षा का नंबर ज़्यादा कर दिया जिसके बाद दलित समाज के लोगों के लिए प्रशासनिक अधिकारी बनना आसान हो गया. इससे दलित समाज सशक्त हुआ ।