लखनऊः 14 अगस्त, 2024 राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज राजभवन में संस्था “घर आई नन्ही परी“ द्वारा “विकसित भारत 2047 एवं आत्मनिर्भर महिलाएं“ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि महिलाएं अपनी शक्ति, ताकत और कौशल को समाज के कल्याण एवं देश के विकास हेतु उपयोग करें। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं का समाज में मान-सम्मान बढ़ा है तथा उन्हें अनेक सुविधाऐं भी उपलब्ध हुई हैं।
राज्यपाल जी ने कार्यक्रम में उपस्थित महिला ग्राम प्रधानों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों को मिले बजट का उपयोग ग्राम की समस्याओं के निस्तारण हेतु योजनाबद्ध तरीके से किया जाये। उन्होंने कहा कि गांव की आवश्यकताओं की सूची बनाएं एवं प्राथमिकता के अनुसार कार्य शुरू किया जाए तथा केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दिए गए ग्रांट का उपयोग पूरी रणनीति और प्रबंधन के साथ ग्राम विकास में करें।
राज्यपाल जी ने अपने गुजरात के कार्यानुभवों को साझा करते हुए कहा कि वर्तमान युग तकनीक का है, इसलिए तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम प्रधानों से आंगनबाड़ी केंद्रों पर ध्यान दिये जाने की अपील की तथा गांव में संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन हो एवं आंगनबाड़ी केंद्र में शिक्षा पूर्ण करने के बाद उनमें ड्रॉपआउट न हो तथा उनका कक्षा एक में दाखिला सुनिश्चित हो।
राज्यपाल जी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत वर्ष 2030 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत युवाओं का प्रवेश सुनिश्चित हो। उन्होंने ग्राम प्रधानों से विकसित गांव बनाने का आह्वान किया व कहा कि जब प्रत्येक गांव विकसित बनेगा तो भारत स्वयं विकसित हो जाएगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि महिलाएं अपनी शक्ति, ताकत और कौशल को समाज के कल्याण एवं देश के विकास हेतु उपयोग करें। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं का समाज में मान-सम्मान बढ़ा है तथा उन्हें अनेक सुविधाऐं भी उपलब्ध हुई हैं।
राज्यपाल जी ने कार्यक्रम में उपस्थित महिला ग्राम प्रधानों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों को मिले बजट का उपयोग ग्राम की समस्याओं के निस्तारण हेतु योजनाबद्ध तरीके से किया जाये। उन्होंने कहा कि गांव की आवश्यकताओं की सूची बनाएं एवं प्राथमिकता के अनुसार कार्य शुरू किया जाए तथा केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दिए गए ग्रांट का उपयोग पूरी रणनीति और प्रबंधन के साथ ग्राम विकास में करें।
राज्यपाल जी ने अपने गुजरात के कार्यानुभवों को साझा करते हुए कहा कि वर्तमान युग तकनीक का है, इसलिए तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम प्रधानों से आंगनबाड़ी केंद्रों पर ध्यान दिये जाने की अपील की तथा गांव में संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन हो एवं आंगनबाड़ी केंद्र में शिक्षा पूर्ण करने के बाद उनमें ड्रॉपआउट न हो तथा उनका कक्षा एक में दाखिला सुनिश्चित हो।
राज्यपाल जी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत वर्ष 2030 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत युवाओं का प्रवेश सुनिश्चित हो। उन्होंने ग्राम प्रधानों से विकसित गांव बनाने का आह्वान किया व कहा कि जब प्रत्येक गांव विकसित बनेगा तो भारत स्वयं विकसित हो जाएगा।