भगवान किसी की सेवा और सत्कर्म का फल उधर नहीं रखते – प्रेमभूषण जी महाराज

लखनऊ: 14 अगस्त, 2024 भगवान में श्रद्धा और विश्वास रखते हुए हमें निरंतर भजन पूजन में लगे रहना चाहिए। हमारे सनातन सदग्रंथ बताते हैं कि फल की चिंता नहीं करते हुए जो निरंतर भजन पूजन और सत्कर्म में लगे रहते हैं, भगवान उन्हें उसका फल अवश्य प्रदान करते हैं। उक्त बातें लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी , दयालबाग में 10 अगस्त से प्रारंभ हुई नौ दिवसीय श्री राम कथा के चौथे दिन पूज्य प्रेमभूषण जी महाराज ने व्यासपीठ से कहीं।

सरस् श्रीराम कथा गायन के माध्यम से भारतीय और पूरी दुनिया के सनातन समाज में अलख जगाने के लिए जनप्रिय कथावाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने धनुष भंग और श्री सीताराम विवाह प्रसंगों का गायन करते हुए कहा कि मनुष्य को परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए उसे अपने कर्म को संभाल के रखने की आवश्यकता होती है। फल तो अवश्य मिलेगा, भले उसके परिणाम को मिलने में थोड़ा समय लगे। वृक्ष लगाते ही फल नहीं देने लगता है , समय आने पर फल निकलते हैं।

पूज्यश्री ने कहा कि मनुष्य को स्वयं तय करना होता है कि उसे क्या चाहिए और कितना चाहिए? भगत की बहुत अधिक कामना नहीं होती है। संतोष ग का कहना है कि भगवान से केवल एक ही कामना करनी चाहिए – हर परिस्थिति में हमारा चित्त आप में लगा रहे। एक और महत्वपूर्ण बात हमें याद रखनी चाहिए – माता सीता ने मां भगवती से अपने मन की कोई बात नहीं कही थी फिर भी उन्हें वह प्राप्त हो गया जो वह चाहती थी। हम भी भगवान से कुछ ना मांगने का स्वभाव बनाएं भगवान से हमारी निकटता है तो वह हमारे मन को जान कर हमारे लिए जो उचित है वह स्वयं पूरा कर देंगे।

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