मुंबई में अगले महीने खुलेगा टेस्ला का पहला शोरूम

admin
4 Min Read

मुंबई

दुनिया की अग्रणी इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनी टेस्ला (Tesla) जुलाई 2025 से भारत में आधिकारिक रूप से एंट्री करने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी सबसे पहले मुंबई और नई दिल्ली में अपने शोरूम की शुरुआत करेगी. टेस्ला की योजना भारत में मेड-इन-चाइना मॉडल Y SUV बेचने की है, जिसकी कीमत लगभग 48 लाख रुपए से शुरू हो सकती है.

टेस्ला भारत में अपनी कारें चीन की शंघाई फैक्ट्री से इंपोर्ट कर बेचेगी. कंपनी ने अमेरिका, चीन और नीदरलैंड से सुपरचार्जर कंपोनेंट्स, एक्सेसरीज़, स्पेयर्स और मर्चेंडाइज़ भी भारत भेज दिए हैं, जो शुरुआती संचालन में उपयोग होंगे.

टेस्ला का भारत में प्रवेश क्यों है खास?
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाज़ार है. यूरोप और चीन में बिक्री में गिरावट के बीच, भारत टेस्ला के लिए विकास का एक नया अवसर बन सकता है. टेस्ला का मॉडल Y, जो दुनिया भर में सबसे ज़्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक SUV है, भारत में भी लोकप्रिय होने की संभावना है.

कहां-कहां हो रहा है निवेश?
    मुंबई: पहला शोरूम जुलाई के मध्य में खुलने की संभावना
    नई दिल्ली: दूसरा शोरूम इसी महीने के अंत तक
    कर्नाटक: वेयरहाउस के लिए जगह किराए पर ली जा रही है
    गुरुग्राम: उत्तर भारत में सप्लाई चेन मजबूत करने के लिए जगह तलाशी जा रही है

क्या टेस्ला को मिलेगा भारत सरकार की EV नीति का फायदा?
हाल ही में केंद्र सरकार ने विदेशी EV कंपनियों के लिए एक विशेष नीति बनाई है. इस नीति के तहत, यदि कोई कंपनी भारत में ₹500 मिलियन (₹4,327 करोड़) का निवेश करती है और 3 वर्षों में स्थानीय उत्पादन शुरू करती है, तो उसे 15% की कम इंपोर्ट ड्यूटी का लाभ मिल सकता है. टेस्ला इसी योजना के तहत भारत में रणनीति बना रही है.

फिलहाल नहीं लगेगी भारतीय फैक्ट्री
भले ही गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों में फैक्ट्री लगाने की चर्चा हो चुकी है, लेकिन फिलहाल टेस्ला केवल इंपोर्टेड यूनिट्स की बिक्री पर फोकस कर रही है. कंपनी ने भारत में अब तक स्थायी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है.

टाटा और महिंद्रा से होगी सीधी टक्कर
फिलहाल भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में टाटा मोटर्स और महिंद्रा की मजबूत पकड़ है. टाटा की नेक्सन EV और महिंद्रा की XUV400 जैसी कारें पहले से ही बाज़ार में मौजूद हैं. हालांकि EV मार्केट में हिस्सेदारी अभी केवल 2% है, लेकिन सरकार का लक्ष्य 2030 तक इसे बढ़ाकर 30% करना है.

टेस्ला की कारें क्यों हैं खास?
टेस्ला की कारें अपने इनोवेटिव डिज़ाइन, ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम और ओवर-द-एयर सॉफ्टवेयर अपडेट्स के लिए जानी जाती हैं. कंपनी ने भारत में सेल्स, सर्विस और डिलीवरी टीमों की भर्ती भी शुरू कर दी है.

टेस्ला की भारत में एंट्री केवल एक कार ब्रांड का आगमन नहीं है, बल्कि यह देश में नई तकनीक, बेहतर ईको-फ्रेंडली विकल्पों और वैश्विक EV ट्रेंड्स की शुरुआत का संकेत है. यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो आने वाले वर्षों में भारत टेस्ला के लिए एशिया का नया हब बन सकता है.

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *