अब संघ के पास ऐसी मशीनें उपलब्ध हैं, जो कुछ ही सेकंडों में दूध की गुणवत्ता की पूरी रिपोर्ट दे देती हैं

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भोपाल
भोपाल दुग्ध संघ ने उपभोक्ताओं को शुद्ध और मिलावट रहित दूध उपलब्ध कराने के लिए दूध की जांच प्रणाली को और भी आधुनिक बना दिया है। अब संघ के पास ऐसी मशीनें उपलब्ध हैं, जो कुछ ही सेकंडों में दूध की गुणवत्ता की पूरी रिपोर्ट दे देती हैं। सांची संघ द्वारा लगाई गई सबसे आधुनिक मशीन फूरियर ट्रांसफार्म इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर (एफटीआइआर) तकनीक पर आधारित है। यह मशीन केवल 30 सेकंड में दूध की जांच कर लेती है और उसमें मौजूद चर्बी (फैट), ठोस पदार्थ (एसएनएफ), प्रोटीन, मिठास (लैक्टोज), मिलाया गया पानी और अन्य तत्वों की जानकारी देती है।

साथ ही यह मशीन दूध में मिलाए गए यूरिया, ग्लूकोज, सूखा स्टार्च, डिटर्जेंट और अमोनियम सल्फेट जैसी पांच प्रमुख मिलावटों की भी पहचान करती है। इसके अलावा, संघ के पास 'आमिश्रण जांच किट' भी है, जो एक विशेष प्रकार की मिलावट की पहचान करने में सक्षम है। यह किट दूध में मिलाए गए नकली स्टार्च और अन्य मिलावटों की पांच से सात मिनट में जांच कर लेती है। यह किट खासकर उन इलाकों में उपयोगी है, जहां दूध में स्टार्च मिलाकर उसकी मात्रा को बढ़ाने की कोशिश की जाती है। घी की जांच के लिए बीआर (ब्युटिरो रिफ्रेक्टोमीटर) मशीन का उपयोग किया जा रहा है, जिससे यह पता चल जाता है कि घी असली है या नकली। पनीर की जांच अब सरल रासायनिक विधियों से संभव हो गई है।

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भोपाल सहकारी दुग्ध संघ द्वारा शुरू की गई चल-प्रयोगशाला सांची रथ भोपाल शहर की कालोनियों में जाकर दूध और दुग्ध उत्पादों की शुद्धता की जांच कर रही है। इस पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं को मिलावट से बचाना व उन्हें दूध की गुणवत्ता के प्रति जागरूक करना है। सांची रथ अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है, जिससे दूध, दही, पनीर व घी की जांच मौके पर ही की जाती है। सांची द्वारा दूध सामग्री की शुद्धता एफटीआइआर मशीन से जांची जा रही है।

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