भोपाल के विधायक मसूद का इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज अब मान्यता खो चुका

admin
3 Min Read

भोपाल
 एमपी के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग ने इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज को लेकर यह फैसला लिया है। कॉलेज को अंतरिम मान्यता मिली थी, लेकिन कॉलेज जरूरी कागजात और शर्तें पूरी नहीं कर पाया। इसलिए विभाग ने मान्यता रद्द कर दी। विभाग को जांच में कई अनियमितताएं भी मिलीं।

उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार कॉलेज ने जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए थे। दस्तावेजों में भी कई कमियां पाई गईं। इसी वजह से कॉलेज की मान्यता रद्द करने का फैसला लिया गया। पहले कॉलेज को मौका दिया गया था। यह अवसर सत्र 2025-26 के लिए था। पर इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज जरूरी शर्तें पूरी नहीं कर पाया।

दरअसल, मई 2025 में इस कॉलेज को अस्थायी मान्यता (Temporary Recognition) दी गई थी, लेकिन विभाग की जांच में सामने आया कि कॉलेज (College) द्वारा जरूरी दस्तावेज (Documents) और शर्तें पूरी नहीं की गई थीं। साथ ही, निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएं भी पाई गईं। इन्हीं आधारों पर विभाग ने मान्यता निरस्त करने का आदेश जारी किया है।

दस्तावेज अधूरे, अनियमितताएं भी मिलीं

उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मान्यता को लेकर की गई जांच में इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के दस्तावेज अधूरे मिले हैं। जांच में कुछ अनियमितताएं भी मिलीं। जिसके बाद ही कॉलेज की मान्यता को खत्म करने का निर्णय लिया है। जिसके बाद से सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में पड़ता नजर आ रहा है।

विधायक का जवाब यह निर्णय अनुचित

कॉलेज की मान्यता निरस्त करने पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक आरिफ मसूद ने कहा हैं कि यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। कॉलेज की दो बार जांच हो चुकी है और नवीनीकरण की प्रक्रिया भी पूरी की गई थी। इसके बावजूद मान्यता रद्द किया जाना पूरी तरह अनुचित और दुर्भावनापूर्ण प्रतीत होता है।

हाईकोर्ट में मामला

विधायक आरिफ मसूद ने इस कार्रवाई को सही नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि यह मामला हाई कोर्ट में चल रहा है। मसूद के अनुसार कॉलेज की दो बार जांच हो चुकी है। कॉलेज का नवीनीकरण भी हो चुका है।
कांग्रेस नेता आरिफ मसूद का कहना

विधायक मसूद का कहना है कि कॉलेज ने सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की हैं। फिर भी मान्यता रद्द करना समझ से परे है। उन्होंने इस फैसले को अनुचित बताया है। अब देखना होगा कि हाई कोर्ट इस मामले में क्या फैसला लेता है। कॉलेज प्रशासन भी इस फैसले से नाखुश है।

हाई कोर्ट में इसके अलावा भी कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद पर मामला चल रहा है। बीजेपी के नेता ध्रुव नारायण सिंह ने नामांकन के दौरान 50 लाख के लोन वाली बात छिपाने के एवज में याचिका लगाई थी। इस पर भी कार्रवाई चल रही है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *