कानन में बर्ड फ्लू का खतरा: सीजेडए के निर्देश के बाद रोकी सप्लाई, बाघ, तेंदुआ और शेर को नहीं मिलेगा चिकन

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बिलासपुर

कानन पेंडारी जू में बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। इसे देखते हुए जू प्रबंधन ने सावधानी बरतना शुरू कर दिया है। इसमें सबसे पहले बाघ, तेंदुआ और शेर को आहार में दिए जाने वाले चिकन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा पक्षियों की देखभाल भी खास जतन से की जा रही है।

सेनेटाइजेशन के साथ केज की नियमित सफाई की जा रही है। बर्ड फ्लू का प्रकोप देश के कई हिस्सों में फैल चुका है। जू में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी और जानवर रहते हैं, जो बर्ड फ्लू जैसी संक्रामक बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।

लिहाजा, चिकन, मुर्गे और अन्य पक्षियों की मांसाहारी वस्तुओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक था। यह कदम पक्षियों के संपर्क में आने से रोकने के लिए उठाया गया है, ताकि महामारी का प्रसार न हो सके। प्रबंधन का मानना है कि इस कदम से बर्ड फ्लू के फैलाव को नियंत्रित किया जा सकेगा और जीव-जंतुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो पाएगी।

राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की तरफ से यह कदम जू के पक्षियों और अन्य जीवों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है। बर्ड फ्लू का प्रकोप देश के कई हिस्सों में फैल चुका है। इसके कारण वन्यजीवों और पालतू पक्षियों में बीमारी का खतरा बढ़ गया है।

प्रतिदिन 26 किलो चिकन होता है सप्लाई
कानन पेंडारी जू मांसाहारी वन्य प्राणियों के लिए आहार तालिका बनी हुई है। इसके तहत प्रत्येक बुधवार को 225 चिकन वन्य प्राणियों को दिया जाता है। अन्य दिनों में मटन देने का नियम है। हालांकि, जू में कुछ उम्रदराज बाघ और तेंदुआ हैं। जिन्हें आहार में चिकन ही दिए जाते हैं। इनके लिए प्रतिदिन 26 किलो चिकन आता है। पर बर्ड फ्लू को देखते हुए जू प्रबंधन ने इन्हें चिकन की जगह आहार में मटन देने का निर्णय लिया है।

पर्यटकों से भी अपील
इसके अलावा जू प्रबंधन आने वाले पर्यटकों से भी सावधानी बरतने की अपील कर रहा है। उन्हें सलाह दे रहे हैं कि वह किसी भी पक्षी के शव को न छुएं और न ही किसी प्रकार का मांस खरीदें। इसके साथ ही कानन पेंडारी जू के अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जाए। इसके अलावा स्थिति को भी लगातार मॉनीटर किया जाए।

बर्ड फ्लू को देखते हुए कानन पेंडारी में सावधानी बरती जा रही है। इसमें वन्य प्राणियों को चिकन देने पर रोक लगाया गया है। वहीं पक्षियों के केज की सफाई के साथ विशेष निगरानी भी कराई जा रही है। – संजय लूथर, प्रभारी अधीक्षक, कानन पेंडारी जू

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