अमेरिकी सरकार ने अडानी मामले में भारत को पहले से कोई जानकारी नहीं दी थी

admin
3 Min Read

नई दिल्ली
अडानी समूह और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाए गए हालिया आरोपों पर भारत सरकार ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे "निजी व्यक्तियों और संस्थाओं से जुड़ा कानूनी मामला" करार दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार ने इस मामले में भारत को पहले से कोई जानकारी नहीं दी थी, और न ही किसी समन या गिरफ्तारी वारंट को लेकर अनुरोध किया गया है। इसके अलावा, मंत्रालय ने साफ किया कि भारत सरकार इस मामले में किसी भी तरह से कानूनी पक्ष का हिस्सा नहीं है।

साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान रणधीर जायसवाल ने कहा, "ऐसे मामलों में स्थापित प्रक्रियाओं और कानूनी तरीकों का पालन किया जाता है। हमें इस विषय पर पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी।" उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में भारत और अमेरिका के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। साथ ही जायसवाल ने बताया कि अभी तक भारत सरकार को इस संबंध में कोई समन या गिरफ्तारी वारंट तामील करने का अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, "ऐसे अनुरोध परस्पर कानूनी सहायता (Mutual Legal Assistance) का हिस्सा होते हैं और इसे मामलों की मेरिट पर जांचा जाता है।"

अमेरिकी आरोप और अभियोग
अमेरिकी न्याय विभाग ने हाल ही में एक अभियोग में अडानी समूह के गौतम अडानी, सागर अडानी और वनीत एस जैन पर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के अनुसार, उन्होंने भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देकर सौर ऊर्जा परियोजनाओं के ठेके हासिल किए। साथ ही, निवेशकों से धन जुटाने के दौरान इन रिश्वतों के बारे में झूठ बोला।

भारतीय सरकार का रुख
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से अमेरिकी न्याय विभाग और निजी व्यक्तियों व संस्थाओं से जुड़ा है। उन्होंने कहा, "भारत सरकार इस मामले में किसी भी कानूनी पक्ष का हिस्सा नहीं है। हम इसे अमेरिकी न्याय विभाग और निजी व्यक्तियों और संस्थाओं के बीच का मामला मानते हैं।" विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका की ओर से भारत को कानूनी सहायता का अनुरोध प्राप्त होता है, तो भारत इसे अपने मौजूदा कानूनों और प्रक्रियाओं के तहत जांच करेगा।

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *