छत्तीसगढ़-खैरागढ़ नपा में सफाई में 10.93 लाख रुपये का खेल, शौचालयों में फ़ैली गंदगी और गुटखा पाउच

admin
4 Min Read

खैरागढ़.

सरकारी पैसों की बंदरबांट का अड्डा बन चुकी खैरागढ़ नगर पालिका एक बार फिर विवादों के केंद्र में है. इस बार स्वच्छता श्रृंगार योजना में खेल का बड़ा खुलासा हुआ है. इस योजना के तहत सार्वजनिक शौचालयों की नियमित सफाई और देखरेख के लिए 10.93 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई थी, लेकिन शौचालयों की स्थिति यह दिखा रही है कि सफाई के नाम पर केवल कागजों पर ही काम हुआ है.

भिलाई की शोभा वेलफेयर एजेंसी को खैरागढ़ के 19 शौचालयों की सफाई और देखभाल का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें ईतवारी बाजार और पुराने थाने के पास स्थित शौचालयों में 24 घंटे केयरटेकर रखने की शर्त भी जोड़ी गई थी. लेकिन हकीकत यह है कि पिछले चार साल से इन शौचालयों में कोई सफाई कर्मचारी नहीं दिखा है, और शौचालयों की हालत बदतर हो चुकी है. टूटे टाइल्स, गंदगी से भरे कोने और दुर्गंध ने इन शौचालयों को उपयोग लायक नहीं छोड़ा. इसके बावजूद हर महीने 1.8 लाख रुपये एजेंसी को भुगतान किया जा रहा है.

जिम सामग्री और कुर्सी खरीदी में पहले भी खेला
यह पहला मामला नहीं है जब नगर पालिका खैरागढ़ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा हो. इससे पहले भी जिम सामग्री खरीदी में 37 लाख रुपये का घोटाला और आरसीसी कुर्सी घोटाले में लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया था. बिना जिम का सामान खरीदे लाखो रुपये का भुकतान कर सरकार को चूना लगाने वाले सीएमओ को निलंबित भी किया गया था वही आरसीसी कुर्सी के नाम पर भी लाखो रुपए का घोटाला पालिका में हुआ था आरसीसी कुर्सी पर जितनी रकम नगर पालिका ने खर्च की है उतने में शहर में दो हज़ार कुर्सियाँ लग जाती लेकिन शहर में केवल सौ से दो सौ ही कुर्सियाँ दिखाई देती हैं. पालिका में चल रहे इस खेल पर सांसद प्रतिनिधि भागवत शरण सिंह ने बताया कि, “कांग्रेस शासनकाल में अध्यक्ष और अधिकारियों ने मिलकर ऐसी योजनाएं बनाई ताकि सरकारी पैसों की बंदरबांट की जा सके. भाजपा सरकार आने के बाद सीएमओ पर कार्रवाई हुई है, आगे और भी भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होगी.”
इधर, विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने कहा, “तत्कालीन सीएमओ कुलदीप झा और अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा दोनों के संयुक्त हस्ताक्षर से भुगतान हुआ था. शिकायत के बाद सीएमओ को निलंबित किया गया, लेकिन अध्यक्ष ने भाजपा में शामिल होकर जांच को रुकवा दिया. स्वच्छता श्रृंगार के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला हुआ है, भाजपा नगर पालिका को भ्रष्टाचार का केंद्र बनाने और सभी जांचों को दबाने का काम कर रही है. कांग्रेस इस मुद्दे पर रायपुर में शिकायत और खैरागढ़ में विरोध प्रदर्शन करेगी. विधायक यशोदा वर्मा के नेतृत्व में इस मामले को लेकर कांग्रेस सख्त कदम उठाएगी.” पूरे मामले पर खैरागढ़ के सीएमओ प्रमोद शुक्ला ने कहा, “मीडिया से मामले की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने ठेकेदार को नोटिस जारी किया है और अन्य आरोपों की भी जांच चल रही है.” खैरागढ़ जिला मुख्यालय ने अपनी बदहाल स्थिति लिए अब तक तीन कलेक्टर देख लिए हैं, लेकिन कलेक्टोरेट से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक की एक सड़क छोड़कर बाकी शहर आज भी एक ग्राम पंचायत से भी बदतर हालत में है. जिले के तमाम बड़े अधिकारी इसी मुख्यालय में रहते हैं, लेकिन फिर भी नगर पालिका में चल रही बंदरबांट और शहर की बदहाल व्यवस्था उन्हें दिखाई नहीं देती. शायद ये अधिकारी जिला मुख्यालय की इस एक सड़क के अलावा और कहीं नहीं जाते होंगे!! खैरागढ़ नगर पालिका का यह मामला प्रशासन और उसकी पारदर्शिता पर कई बड़े सवाल खड़े करता है.

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *