बोर्ड परीक्षा: एक केंद्र पर रह सकेंगे अधिकतम 250 परीक्षार्थी, माशिमं की नई कवायद की यह है वजह

admin
3 Min Read

 भोपाल
 माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) से संबद्ध स्कूलों में 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं आगामी 25 फरवरी से शुरू हो जाएंगी। इन परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए माशिमं ने प्रत्येक केंद्र पर अधिकतम 250 परीक्षार्थियों को ही शामिल करने के निर्देश दिये हैं। बताया जा रहा है कि इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए प्रदेश में चार हजार से अधिक केंद्रों की जरूरत पड़ेगी।

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने उन्हीं स्कूलों को केंद्र बनाने को कहा है जिनके पास फर्नीचर, पेयजल, शौचालय, बिजली, इंटरनेट, सीसीटीवी कैमरों की सुविधा हो। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को केंद्र तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। वे जिला शिक्षा अधिकारी और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के साथ प्रस्तावित केंद्रों में खुद जाकर सुविधाएं देखेंगे। उनके अनुमोदन के साथ यह प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा मंडल को भेजा जाएगा। यहां से मंजूरी मिलने के बाद ही परीक्षा केंद्रों पर मुहर लगेगी।

बताया जा रहा है कि सामान्य तौर पर 30 सितंबर तक केंद्रों का चयन कर लिया जाना था, लेकिन नये निर्देशों की वजह से इसमें देरी हो रही है। दिसंबर के पहले सप्ताह तक केंद्रों का चयन कर लेने की कोशिश हो रही है।

इस बार निजी स्कूलों में अधिक केंद्र
अधिकारियों का कहना है कि कई बार मंडल में शिकायत मिली है कि केंद्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने के कारण परेशानी होती है। वे एक साथ बैठ जाते हैं और नकल होने लगती है। बेंच व डेस्क पर जगह नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को नीचे बैठाया जाता था, जिससे समुचित निगरानी करना संभव नहीं हो पाती। इस कारण इस बार निजी स्कूलों में अधिक केंद्र बनाए जाएंगे।

एप के जरिए उड़नदस्तों की निगरानी
इस बार मंडल उड़नदस्तों को लेकर भी व्यवस्था में बदलाव कर रहा है। पिछली परीक्षा तक अलग-अलग स्तर पर उड़नदस्ते बनाए जाते थे। इनमें ब्लॉक लेवल, जिला स्तर पर डीईओ, संयुक्त संचालक सहित स्कूल शिक्षा के अन्य अधिकारी भी उड़नदस्ते में शामिल होते हैं। इनमें से सभी पर निगरानी मंडल लेवल पर नहीं हो पाती थी। इस बार एप के जरिए मंडल खुद इसकी निगरानी करेगा।

कई जिलों से परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने से नकल की संभावना बढ़ने की शिकायतें मिली थीं। उसकी वजह से इस बार परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों की संख्या सीमित रखने का निर्देश दिए गए हैं। कम संख्या होने से निगरानी आसान होगी।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *