शर्मिष्ठा पनोली को फटकार लगाई है और लोगों की भावनाओं के ठेस पहुंचाने की बात कही: कलकत्ता हाईकोर्ट

admin
4 Min Read

नई दिल्ली 
इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी के मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने पनोली को फटकार लगाई है और लोगों की भावनाओं के ठेस पहुंचाने की बात कही है। पनोली की तरफ से पेश हुए वकील ने उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की है। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर टिप्पणी करने के चलते पनोली के खिलाफ ऐक्शन हुआ था।

बार एंड बेंच के अनुसार, कोर्ट ने कहा, 'हमारे देश के एक वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंची है। हमारे यहां बोलने की आजादी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप दूसरों की भावनाओं को आहत करो। हमारा देश विविधताओं से भरा है।' पनोली की तरफ से कोर्ट में सीनियर एडवोकेट डीपी सिंह पेश हुए थे। वहीं, स्टेट का पक्ष रखने सीनियर एडवोकेट कल्याण बंदोपाध्याय आए थे।

कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार रात हरियाणा के गुरुग्राम से शर्मिष्ठा पनोली को सांप्रदायिक टिप्पणियों वाला एक वीडियो अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वीडियो में कहा गया था कि बॉलीवुड कलाकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चुप हैं। शनिवार को कोलकाता की एक अदालत ने पनोली को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सुनवाई के बाद कोर्ट में पनोली को मिलने वाली सुविधाओं का भी जिक्र आया। कोर्ट ने राज्य को बयान रिकॉर्ड किए कि पनोली को भी वो सभी सुविधाएं दी जा रही हैं, जो अन्य कैदियों को मिलती हैं। इसपर एडवोकेट सिंह बोले, 'क्या यह मानवाधिकार है। मैं हैरान हूं।' कोर्ट ने सिंह से कहा, 'अपनी एनर्जी दूसरे केस के लिए बचाकर रखें।' कोर्ट ने कहा, 'एक आतंकवादी को भी इसका अधिकार होता है…।' सिंह ने कहा कि शिकायत में कोई भी अपराध का जिक्र नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, 'FIR में कुछ नहीं हैं।' साथ ही सिंह ने FIR रद्द किए जाने, गिरफ्तारी को गैरकानूनी घोषित किए जाने और जमानत की मांग की।

जेल में धमकियां मिलने की बात
इन्फ्लुएंसर के वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने सोमवार को यहां अलीपुर अदालत में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि उनकी मुवक्किल को जेल में बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है तथा अन्य कैदियों से उसे धमकी मिल रही है। वकील समीमुद्दीन ने बताया कि अदालत ने इस संबंध में चार जून तक रिपोर्ट मांगी है।

समीमुद्दीन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, 'अलीपुर महिला सुधार गृह के अंदर उचित साफ-सफाई नहीं रखी जाती। मेरी मुवक्किल को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। उसे गुर्दे से जुड़ी समस्या है और वह ठीक महसूस नहीं कर रही है। हमने एक याचिका दायर की है और अदालत ने चार जून तक रिपोर्ट मांगी है।' याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि उसे जेल के अंदर अन्य कैदियों से कई तरह की धमकियां मिल रही हैं, जिससे उसे अपनी सुरक्षा को लेकर डर है। समीमुद्दीन ने कहा, 'ये धमकियां एक असुरक्षित वातावरण पैदा कर रही हैं, जिससे उसकी मानसिक शांति और शारीरिक सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है।'

 

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *