मध्य प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटी, 2 लाख किसानों को सोलर पंप देगी मोहन सरकार

admin
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भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार ने महेश्वर की कैबिनेट मीटिंग में दूरदराज इलाकों में खेती कर रहे किसानों के लिए बड़ी सौगात दी है. ऐसे इलाके जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है या फिर जो किसान बिजली कनेक्शन के अभाव में अस्थाई कनेक्शन से खेती का पंप चला रहे थे, उन्हें अब मात्र 10 प्रतिशत राशि खर्च करके तीन हॉर्स पावर से लेकर 7 हॉर्स पावर तक का सोलर पंप उपलब्ध करवाया जा रहा है.

मोहन यादव सरकार की प्रदेश में 2 लाख किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराने की योजना है. मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट ने अहिल्याबाई होल्कर की नगरी महेश्वर में एक कैबिनेट बैठक का आयोजन किया जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना

आधुनिक खेती बिना पानी के संभव नहीं है. इसलिए सरकार किसानों को मोटर पंप पर बिजली उपलब्ध करवाती है. इस बिजली पर सरकार को अनुदान देना पड़ता है. वहीं इस बिजली की सप्लाई में भी समस्याएं आती हैं. किसानों को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मोहन यादव की कैबिनेट ने फैसला किया है कि प्रदेश के 2 लाख किसानों को सोलर ऊर्जा के पंप दिए जाएंगे. इसमें किसानों को मात्र 10% राशि ही खर्च करनी होगी शेष खर्च सरकार उठाएगी.

कैसे होगा योजना का क्रियान्वयन?

प्रदेश सरकार द्वारा इस ऋण का भुगतान सोलर कृषि पंप लगने की वजह से कृषि उपभोक्ताओं के लिए "अटल कृषि ज्योति योजना" एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत वितरण कंपनियों को देय सब्सिडी में हुई बचत से ऋण का भुगतान किया जा सकेगा. योजना के प्रथम चरण में अस्थायी विद्युत संयोजन वाले उपभोक्ताओं अथवा अविद्युतिकृत कृषकों को सोलर पंप का लाभ दिया जाएगा. योजना के आगामी चरणों में स्थायी विद्युत पंप उपयोग कर रहे कृषकों को भी सोलर पंप दिया जाना प्रस्तावित है. इसका क्रियान्वयन राज्य में मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा केन्द्र सरकार की "कुसुम योजना" के घटक 'ब' अंतर्गत किया जायेगा. सोलर पम्प की स्थापना से विद्युत पम्पों को विद्युत प्रदाय के लिए राज्य सरकार पर अनुदान के भार को सीमित किया जा सकेगा एवं विद्युत वितरण कम्पनियों की वितरण हानियों को कम किया जा सकेगा.

किसान कैसे ले सकता है सोलर पंप

पहले यही योजना "मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना" के नाम से जानी जाती थी. अब इस योजना को "प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना" नाम दिया गया है. इस योजना का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के माध्यम से केन्द्र शासन की कुसुम 'बी' योजना के अनुसार जारी दिशा-निर्देशों से किया जाएगा. जिन किसानों के पास फिलहाल बिजली कनेक्शन नहीं है और वे अस्थाई कनेक्शन से खेती कर रहे हैं, यदि उनके नाम पर जमीन है तो वह इस योजना का फायदा ले सकते हैं.

आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड और जमीन के कागजात के साथ करना होगा आवेदन

बाद में इस योजना का फायदा वह किसान भी ले सकेंगे जो अपना बिजली कनेक्शन कटवा कर सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहते हैं. इस योजना के तहत तीन हॉर्स पावर से लेकर 7.5 हॉर्स पावर तक का पंप लगाया जा सकता है. योजना का फायदा लेने के लिए किसानों को मध्य प्रदेश ऊर्जा निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. जो किसान इस योजना का फायदा लेना चाहता है उन्हें अपने आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, बैंक पासबुक और जमीन के कागजात के साथ आवेदन करना होगा.

सोलर पंप के इस्तेमाल से सुधरेगी किसानो की आर्थिक स्थिति

इस योजना का फायदा उन किसानों को ज्यादा मिलेगा जहां बिजली के कनेक्शन नहीं है या फिर ट्रांसफार्मर बहुत दूर होने की वजह से सही वोल्टेज नहीं मिल पा रहा है. कुछ ऐसे स्थान भी हैं जहां जमीन ठीक है, जमीन में पानी भी है लेकिन बिजली नहीं है. खास तौर पर आदिवासी और पहाड़ी इलाकों में भी सोलर पंप से बिजली उत्पादित करके सिंचाई करने से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी.

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