राजस्थान-सिरोही के माउंटआबू में 135 साल पहले बना शाही खेल ग्राउंड, राष्ट्रीय पुलिस प्रशिक्षण केंद्र का हो रहा संचालन

admin
4 Min Read

सिरोही।

राजस्थान का हिल स्टेशन माउंट आबू है। यह जगह राजाओं के लिए बहुत खास थी। इसी वजह से माउंट आबू में शाही खेल पोलो खेलने के लिए मैदान बनवाया गया था। 135 साल पुराने मैदान में लगे शिलालेख के मुताबिक तत्कालीन महाराजा सवाई माधोसिंह और एजीजी कर्नल जीएच ट्रेवर द्वारा 1889 में पोलो मैदान का निर्माण करवाया गया था।

सिरोही के महाराव केसरीसिंह के मार्गदर्शन में इस ग्राउंड का काम पूरा हुआ था। इतिहासकारों के अनुसार इतनी ऊंचाई पर इतना विशाल ग्राउंड तैयार करना किसी चुनौती से कम नहीं था। 1891 ये मैदान बनना शुरु हुआ था। जो 1894 में  पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ।  इसके बाद से माउंटआबू में पोलो खेलना शुरू हुआ था। यहां ये खेल 1920 से लेकर 1939 तक बहुत खेला गया। दूसरे विश्वयुध्द के बाद पोलो की जगह पर अन्य खेलों को बढ़ावा मिलने लगा। 21वीं सदी में यहां पोलो 2006 से 2008 तक खेला गया। कई सालों तक पोलो इस मैदान में नहीं हुआ तो अन्य खेलों को इस मैदान में खेला जाने लगा।  साल 1950 में यहां राष्ट्रीय पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (एनपीए) बनाया गया। इसकी वजह से  इस मैदान की चमक एक बार फिर लौट आई।  करीब 22 साल के बाद यहां से एनपीए को स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद इसे  स्थानीय प्रशासन और खिलाडियों को सौंप दिया गया।

देश के कई नामी खिलाड़ी ले चुके है प्रशिक्षण
इस मैदान का इतिहास बहुत गौरवशाली है। देश के प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद, मिल्खा सिंह, माखन सिंह, शमशेर सिंह सूरी और प्रयाग सिंह समेत कई खिलाड़ियों ने यहां प्रशिक्षण लिया था। इसमें से कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर चुके हैं।

डंपिंग यार्ड में तब्दील हुआ  है ग्राउंड
स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते लंबे समय से नगर पालिका प्रशासन द्वारा इस ग्राउंड की देखभाल की जा रही है। मैदान में नगरपालिका के वाहन एवं खराब सामान रखा हुआ है। मैदान के बीच घास की कटाई नहीं होने से वो काफी बड़ी हो गई है। चारों तरफ बने वॉकिंग पाथ और बैंचे भी कई जगह से टूट गई है। इससे खिलाड़ियों को परेशानी हो रही है। पिछले साल राज्य सरकार द्वारा करीब 18 करोड़ की लागत से ग्राउंड को विकसित करने के लिए स्वीकृति दी गई थी। इसमें क्रिकेट, बैडमिंटन कोर्ट, एथलीट ट्रेक, बॉस्केट बॉल, बॉलीबॉल आदि खेलों को लेकर स्टेडियम तैयार किया जाना था, लेकिन अब तक ये काम शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में खिलाडियों को इस ग्राउंड के कायाकल्प का इंतजार है।  यहां प्रैक्टिस के लिए आने वाले माउंट आबू के वॉलीबॉल खिलाड़ी भूपेंद्रकुमार रील ने बताया कि मैदान नगर प्रशासन की कमाई का जरिए बन गया है। पर्यटक सीजन शुरू होते ही मैदान को पार्किंग क्षेत्र में तब्दील कर दिया जाता है। इससे खिलाडियों प्रैक्टिस रुक जाती है।  यहां गाड़ियों में बैठकर कर पर्यटक शराब पीते है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *