WWF की रिपोर्ट: भारतीय जिस तरीके से खाते हैं, वो धरती के लिए सबसे अच्छा आहार

admin
2 Min Read

नई दिल्ली
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट के अनुसार, भारत के फूड कंजप्शन पैटर्न को G20 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक टिकाऊ माना गया है. रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि अगर ग्लोबल फूड कंजप्शन भारत के समान हो जाए, तो 2050 तक जलवायु प्रभाव काफी कम हो जाएगा. वहीं, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका टिकाऊ उपभोग के मामले में सबसे खराब स्थान पर हैं.

उसके बाद ऑस्ट्रेलिया (6.8), यूएसए (5.5), ब्राजील (5.2), फ्रांस (5), इटली (4.6), कनाडा (4.5) और यूके (3.9) का स्थान है। बेहतर देशों में इंडोनेशिया (0.9) भारत (0.84) के बाद आता है और चीन (1.7), जापान (1.8) और सऊदी अरब (2) से आगे है.

भारत का सस्टेनेबल कंजप्शन पैटर्न
WWF की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर दुनिया में हर कोई 2050 तक दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मौजूदा खाद्य कंजप्शन पैटर्न को अपना ले, तो हम खाद्य-संबंधित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए 1.5 डिग्री सेल्सियस जलवायु लक्ष्य को 263 फीसदी तक पार कर जाएंगे और हमें सहारा देने के लिए एक से सात पृथ्वी की आवश्यकता होगी. भारत का बाजरा-केंद्रित खाना एक अपवाद के रूप में सामने आता है, जिसमें देश को स्थिरता के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित किया गया है.

अगर सभी देश भारत के कंजप्शन मॉडल को देखें, तो रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि फूड प्रोडक्शन को बनाए रखने के लिए 2050 तक एक पृथ्वी (0.84) से भी कम की आवश्यकता होगी. यह भोजन के लिए ग्रहीय जलवायु सीमा से बेहतर है, यह सुझाव देता है कि भारत की फूड सिस्टम ग्लोबल तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा के भीतर रख सकती है.

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *