राजस्थान-अजमेर की दरगाह से कोई संबंध नहीं, वक्फ संशोधन बिल पर बोले अंजुमन सचिव

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अजमेर.

अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने एक बार फिर वक्फ संशोधन बिल पर ऐतराज जताया है। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि पिछले दिनों खबरें आई थीं कि ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल ने वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है, जबकि ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल का अजमेर दरगाह से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा कि हम 800 साल पुरानी दरगाह के खादिम हैं और हमने 21 अगस्त को रिजॉल्यूशन करके वक्फ संशोधन बिल का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल का दरगाह में कोई ऑफिस नहीं है। अंजुमन सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि हमने इस बिल का विरोध किया है। ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को बदनाम ना करें, सूफी सज्जादानशीन काउंसिल की ओर से हमारी कौम और दरगाह बदनाम हो रही है, हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन के पुत्र उनके उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ऑल इंडिया मुस्लिम सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष हैं और वे दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर वक्फ संशोधन बिल का समर्थन कर चुके हैं। वहीं अजमेर दरगाह के खादिमों ने वक्फ संशोधन बिल का विरोध करते हुए पिछले दिनों एक मुहिम भी चलाई थी, जिसमे उन्होंने इस बिल का विरोध किया था।

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