अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा- प्राण प्रतिष्ठा में भी बांटे गए थे तिरुपति के लड्डू

admin
3 Min Read

अयोध्या
अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के दौरान तिरुपति के लड्डुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किया गयाथा। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। इस दौरान श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण के लिए तिरुपति से ही लड्डू मंगवाए गए थे। तिरुपति बालाजी के महाप्रसादम के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि उनकी सरकार बनने से पहले तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद के लिए बनने वाले लड्डू में ऐसी घी का इस्तेमाल किया जाता था जिसमें गाय और सुअर की चर्बी की मिलावट है।

आचार्य सत्येंद्र ने कहा, मुझे यह नहीं पता कि कितने लड्डू मंगवाए गए थे। ट्रस्ट को इसकी जानकारी होगी। लेकिन जो भी लड्डू आए थे उन्हें श्रद्धालुओं में बांट दिया गया था। वहीं जो रिपोर्ट सामने आई है वह बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड की तरफ से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए एक लाख लड्डू भिजवाए गए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की थी। इस मौके पर 8000 हस्तियां शामिल हुई थीं। वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का कहना है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान इलायची का वितरण प्रसाद के तौर पर किया गया था। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि वह तिरुपति के लड्डुओं को लेकर केंद्र की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। श्रद्धालुओं में केवल इलायची का विचरण किया गया था। मैं केवल एक बार 1981 में तिरुपति गया हूं। ऐसे में मैं इस विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।

बता दें कि तिरुपति का मामला गर्म होने के बाद देशभर के कई मंदिरों के प्रसाद की जांच करवाई जा रही है। अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर के प्रशासन का भी कहना है कि केवल देसी घी से बने लड्डुओं को ही यहां भोग लगाया जाता है।

संकट मोचन सेना के अध्यक्ष संजय दास ने कहा, केवल ब्रैंडेड कंपनी के घी का इस्तेमाल किया जाता है। जो भी दुकानदार हमारे किराएदार हैं, वे इसी तरह से लड्डू बनाते हैं। समय समय पर घी की शुद्धता की जांच भी की जाती है। अगर कोई कमी पाई जाती है तो दुकान को बंद करवा दिया जाता है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *